पृष्ठ:योगवासिष्ठ भाषा (दूसरा भाग).pdf/९६५

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जाहिरात, नामपुस्तक. की, रु. आ. मोक्षगीता--सवालक्ष श्रीरामनाम लिखागयाहै भजनानुरा गियोंको अवश्य संग्रह करना चाहिये ... ... ... ०-१४ मोक्षगीता तथा विवेकवीर विजय--श्रीमत्परमहंस परि व्राजकाचार्य श्रीस्वामी लक्षानन्दजीकृत--यह दोनो ग्रंथ वेदान्तियोको परमोपयोगी हैं ... ... ... ... ०-२ मोक्षपन्थ--( गुलाबरायजीकृत ) ... ... ... ... १० योगवासिष्ठ बडा--भाषा--छः प्रकरणोमें श्री गुरु वसिष्ठजी और श्रीरामचन्द्रजीका संवादोक्त अपूर्व ग्रन्थहै (खुलापत्रा) ९--० योगवासिष्ठ बडा--भाषा-छः प्रकरणोंमें उपरोक्त सवलंका| रोसे युक्त २ जिल्दोंमें ... ... ... ... ... ९-० योगवासिष्ठ-भाषामें वैराग्य और मुमुक्षुप्रकरण बडा अक्षर ग्लेज कागज ... ... ... ... ... ... ... ०-१० योगवासिष्ठ-भाषामैं वैराग्य और सुसुक्षुप्रकरण छोटा गुटका | पाकिट बुक अतिउत्तम संग्रह करने योग्य है. ... ... ०-४ योगवासिष्ठ-सार- संपूर्ण योगवासिष्ठका सार भाषामें वर्णितहैं. २-० विचारसागर-सटिक स्वामी निश्चलदासजी कृत सर्वोत्तम | संग्राह्य है. ... ... ... ... ... ... ... १-८ विचारसागर-सटीक-पीताम्बरदासकृत भाषाटीकासहित, ४-० विचारमाला-सटीक स्वामी श्रीगोविन्ददास कृत सरल भाषा| टीकासहित. ... ... ... ... ... ... 0-१२ विचारचन्द्रोदय-सटिप्पण पं० पीताम्बरदासकृत बालबो धिनी टीका समेत. ... ... ... ... ... .०० १-८ विज्ञानगीता-कविवर श्रीकेवशदासकृत अपूर्व वेदान्त है ... ०-१० वृत्तिप्रभाकर स्वामी श्रीनिश्चलदासजीकृत षशास्त्र मतसे । भलीप्रकार वेदान्तमत प्रतिपादन किया है. ... ... २-८ श्रुतिसिद्धान्तरत्नाकर-अथव द्वैत वेदान्तका सार भाषामें । अनेकानेक श्रतिस्मृतिकी टिप्पणियोंसे विभूषितहे . १-८