की भारत यात्राके सम्बन्ध में जो उत्सव मनाये जायं उनमें
भारतवासी किसी रूपमें शामिल न हों। यह वहिष्कार पूर्ण-
तया सफल रहा और जिन जिन नगरोंमें ड्यूक गये उनमें जो
पूरी और अपनी इच्छासे लोगोने हड़ताल की उनसे यह बात प्रमा-
णित हो गयी कि भारत अपनेको वर्तमान् बन्धन और अपमान-
मय परिस्थितिसे मुक्त करना चाहता है। इधर तो कलकत्ते और
दिल्लीकी सूनी सड़कोमें ड्यू कका सरकारको ओरसे स्वागत किया
गया, उधर उन्हीं नगरोंमें महात्माजीके मुखसे स्वाधीनताका
सन्देश सुननेके लिये सहस्रों मनुष्य एकत्र होते थे।
नयी संगठन नियमावली
नागपुर कांग्रेसने पुरानी सङ्गठन नियमावलीके स्थानमें एक
नयी नियमावली भी स्वीकार की। इसमें निम्नलिखित बातें
प्रधान थीं-कांग्रेसके उद्देश्यमें परिवर्तन, भाषाके अनुसार
प्रान्तोका विभाग, कांग्रेम और तदधीन कमेटियोका पुनः सङ्ग-
उन, प्रतिनिधियोंकी संख्या और निर्वाचनका नियन्त्रण और
एक कार्यसमितिकी नियुक्ति। कुछ लोगोका यह आक्षेप है कि
इस नयी नियमावली और विशेषतः उस स्थानने, जो सर्ग भार-
तीय कांग्रेस कमेटोकी कार्य समितिको दिया गया है, अधि-
कारको केन्द्रोभून कर दिया है। इसमें सन्देह नहीं कि महात्मा
जीके नेतृत्वमें कांग्रेसकी इस प्रधानतम् कार्यकारिणो संस्थाने
बहुत महत्व प्राप्त कर लिया है और कांग्रेसकी नीतिको निश्चित