पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/७६

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कोषले उनकी सहायता की जाय। जिन लोगोंने यह देखकर ' मी मतदाताओंकी अधिकांश संख्याने निर्वाचनमें भाग नहीं लिया, कौंसिलाके लिये निर्वाचन कराया उन्हें उचित है कि अब भी अपने पदोंसे स्तीफा दे दें और यदि वे ऐसा नहीं करते तो जनताका धर्म है कि वह उनसे अपने हितकर किसा नरहका काम न ले। पुलिस सैनिक तथा जनताके बीच जिस सद्भावकी स्थापना हो रही थी उसके लिये कांग्रेसने सन्तोष प्रगट किया और उनसे प्रार्थना की कि राष्ट्रीय आवश्यकता- ओंको पूरी करनेके लिये उन्हें तैयार रहना चाहिये कि कांग्रे- मकी घोषणाके साथ वे लोग सरकारी नौकरोसे तुरत स्तीफा दे दें तथा जनताके साथ व्यवहार करनेमें पूर्ण नन्नता और ईमानदारीसे काम ले और विना किसी भयके पूर्णसाहसके माथ सार्वजनिक जलसोंमें भाग ले पर उन जलसोंकी कार्रवा- ईमें किसी तरहका भाग न ले। कांग्रेसने अहिंसा शब्दपर विशेष जोर दिया और बतलाया कि असहयोग आन्दोलनका सबसे प्रधान विषय अहिंसा है और हिन्दू मुसलमान मेलको बढ़ाने तथा ब्राह्मण और अबाह्मणके झगडेको निपटानेकी अपील की। इसके अतिरिक्त कांग्रेसने हिन्दुओंका ध्यान अछूत तथा पतित जातियों को ओर आकृष्ट किया और प्रार्थना की कि हिन्दू धर्मकी लाज रखने के लिये इनकी दशा सुधारनेकी चेष्टा की जानी चाहिये। कांग्रेसका प्रस्ताव सर्वसम्मतिसे स्वीकृत हुआ।