है। इस कांग्रेसने कलकत्ताकी विशेष कांग्रेसके अस
हयोगके प्रस्तावका समर्थन किया। इस कांग्रेसमें यह
स्पष्टतया घोषित हो गया कि शान्तिमय असहयोगका
कोई भी अंश किसी भी समय चलाया जा सकता है।
अर्थात् कांग्रेस अथवा अखिख भारतवर्षीय कांग्रेस कमे-
टीकी आझाले असहयोगका कार्यक्रम सरकारके माथ सहयोग
न करनेसे लेकर मालगुजारीका देना बन्द करने तकका कार्य-
कम किसी भी समय कार्यक्रममें लाया जा सकता है। इसके
बीचमें देशको इसके लिये तैयार करनेके हेतु अभिभावकोंको
समझाया जाय कि वे अपने बालकोको सरकारी तथा सरकारी
सहायता प्राप्त विद्यालयोंसे हटा ले और जिन लड़कों की अव
स्था सोलह वर्ष से ऊपर है उन्हें स्कूल तथा कालेजोंको छोड़नेकी
प्रार्थना की जाय, वकीलोंसे प्रार्थना को जाय कि वे अदालतोंके
वहिष्कारकी अधिकाधिक चेष्टा करें और अपनी शक्तिको
राष्ट्रीय काममें लगावे और अन्य वकीलों तथा मुकिलोको
अदालतोंके वहिष्कारके लिये प्रेरित करें; चरखे तथा क के
अधिकाधिक प्रचारसे विदेशी कपड़ेका प्रचार घटावे, देशके
प्रत्येक नरनारीको इस निमित्त अधिकाधिक त्याग करने के लिये
कहें और प्रत्येक गांवमें तथा कई गावोंको एक साथ मिला-
कर एक कमेटो बनाई जाय और सबका केन्द्र प्रान्तीय कमेटी
हो। इन कमेटियों में काम करनेके लिये राष्ट्रीय स्वयंसेवकदल
नियुक्त किये जायं और आवश्यकता पड़नेपर तिलक स्वराज्य
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