पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/७३

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शापित तथा सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और कालेजों से बालको को धीरे-धीरे हटाकर उनका वहिष्कार करें तथा उनके सान पर राष्ट्रीय स्कूलों और कलेजो को स्थापना (५)वकीलो तथा मुवदिलों द्वारा ब्रिटिश अदालतों का बहिष्कार तथा जातोय अगडोंके निपटरा के लिय पञ्चायता अदालतो की स्थापना, (५)सैनिक, मुहर्रिर तथा मजूरोंका मेसापाटामिया आदि स्थानो में जाने से इन्कार करना (६) सुधार कौंसिला का बहिकार अर्थात् न तो इनमें जाने के लिये काई उमेदवार खडे हों और न मतदाता किसीको मन दे। ७) विदेशो माल का वहिष्कार। स्वदेशी कपडो का प्रयोग और इसका आवश्यकता की पूरी करनीका चेष्टा करना। चरखे तथा करघका पुनरुत्थान करके भारतके प्राचीन कलाको जगाना।

इस प्रस्ताव में मिस्टर विपिन चन्द्र पालने निम्नलिखित सुधार उपस्थित किया था कि भारतीयो की दुरवस्थाओ असन्तोष का वृत्तान्त लेकर एक डेपुटेशन प्रधान मन्त्रो के पास जाय उन्हें सशी व्यवस्था का दिग्दर्शन करावे और भारत के लिये पूर्ण स्वराज्य मांगे। इधर महात्मा गांधी के असहयोग कार्यक्रमार विचार किया जाय। यदि प्रधान मन्त्रा डेपुटेशन को बातें न सुने तो असहयोग तथा और सुविधा जनक तथा कारगर व्यवस्था की जाय। पर संशोधन का कानेपने बहुमतसे रह कर दिया। -