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खिलाफत की समस्या

भिन्न करना है---मृत समझी जानी चाहिये क्योंकि सन्धि की निर्धारित शोंके ये विरुद्ध हैं।

(४) यदि मुसलमान जातियां किसी राज्य को संरक्षकता मुस्लिम बन्धुत्व स्थापित करना चाहें तो इसके लिये उन्हें पूर्ण स्वतन्यता होनी चाहिये।

(५ ) किसी भी मुसलमानो प्रदेशके ऊपर किसी तरह की 'संरक्षता' का प्रयोग नहीं हाना चाहिये जबतक कि उसके लिये बेस्वयं इच्छा न प्रगट करें।

(६) मुसलमान जातियों को इस बातकी स्वच्छन्दता होनी चाहिये कि वे अपने लिये स्वयं राजा या शासन प्रणाली निर्धारित करें।

(७) ४, . और ६ शर्तका निर्धारण करनेके लिये ममस्त मुसलमान प्रान्तोंमें मत देनेको पूर्ण स्वाधीनता दे देनी चाहिये। इसी प्रकार के अन्य विधायक कार्यक्रम गदिया शेख एम. एच० गिदवानीने प्रकाशित किया था :---

(१) संयुक्त तुर्क साम्राज्यका प्रधान भाग थेस और एशिया माइनर होना चाहिये और सुलतानकी राजधानी कुस्तुन्तुनियामें होनी चाहिये।

(२) इसके अधीन सीरिया, मेसोपोटामिया, अरेबिया, आर्मेनिया, मिस्र, ट्रिपोली, अलबानिया, तथा काले सागरके तटकी निवासी वे प्रजा जो तुर्को या मुस्लिम भाषा बोलता हैं, हो जायं पर इन्हें स्वायत्त शासन दे दिया जाय चाहे इनका