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मैनें खिलाफतका साथ क्यों दिया


विश्वास है उससे मैं अपना हक समझता हूं कि मैं आपसे पूछूं कि क्या यह समाचार सच है, क्योंकि मैंने भी आपके काममें सहायता दी है। मैं इस बातको सहसा स्वीकार नहीं कर सकता कि आपने एक ऐसे आन्दोलनमें हाथ लगानेकी भूल की है जिसके द्वारा आप एक उच्छृखल तथा अत्याचारी राज्यके अत्याचारको मनुष्यके हितके ऊपर रखनेकी चेष्टा कर रहे हैं, क्योंकि पूर्व तुर्कीने इस पर पूर्ण निर्दयताके साथ प्रहार किया है। सीरिया और आर्मेनियाकी अवस्थासे मैं स्वयं परिचित हूं। इसलिये यदि टाइम्सका प्रकाशित समाचार सच है तो यह कह सकता हूं कि आपने अपनी सचाई और न्याय प्रियताको एक तर्फी प्रयोगमें लगा दिया है और उनका प्रयोग अराजकता बढ़ाने में किया है। पर जबतक मैं इसके बारेमें स्वयं आपके मुंहसे कुछ न सुन लूं मैं अपने भावको किसी तरह बदलना नहीं चाहता। इससे मेरी प्रार्थना है कि आप इस पत्रका उत्तर अवश्य दीजियेगा।"

इस पत्रका उत्सर मैंने लिख दिया है। पर मुझे आशंका है कि इस पत्र में जो भाव व्यक्त किये गये हैं वे अन्य अंग्रेज मित्रोंके हृदयमें भी उठ सकते हैं और यथासाध्य मैं उनकी मैत्रीसे वञ्चित होना नहीं चाहता और न उनके प्रेमको ही कम होने देना चाहता हूँ इसलिये खिलाफतके साथ अपने संबन्धको मैं स्पष्ट कर देना चाहता है। इस पत्रसे प्रगट होता है कि विना किसी तरहकी जिम्मेदारी रखनेवाले पत्रोंको पढ़कर लोग किस किस तरह के

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