डायर की करनी के बारे में इन कड़े शब्दों के प्रयोग को नहीं बचा सकता था ।
जेनरल डायर ने अपने हो बयान में कहा है तथा अन्य गवाहों के बयान से भी यही सावित हुआ है कि:---
(१) भीड खाली हाथ थी ।
(२) उसमें छोटे छोटे लड़के तक शामिल थे ।
(३) १३ वी अप्रल बैशाखी के उत्सव का दिन था ।
(४) हजागें आदमी मेले में बाहर से आये थे ।
(५) बलवा या विद्रोहका कही नाम निशान नहीं था ।
(६) इस कत्ले आमके दो दिन पहले तक अमृतसरमें पूर्ण शान्ति थी ।
(७) सभाबन्दीको घोषणा उसी दिन जेनरल डायरके नाम पर की गई थी ।
(८) जेनरल डायर को सूचना मे सभाबन्दी की कहीं चर्चा नहीं थी। उसमें लिखा था कि सड़कपर किसी तरहका जुलस न निकाला जाय और एक साथ ४ आदमी कहीं सड़कपर या गली में इकट्ठ न पाये जाये । पर प्राइवेट या पबलिक स्थान में सभा करने की इसमें किसी तरह की मनाही नहीं थी ।
(९) नगर के बाहर या भीतर जेनरल डायर को किसी तरह- की जोखिम का सामना नहीं करना पड़ा था ।
(१०) इस बात को जेनरल डायरने स्वयं स्वीकार किया है