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पंजाबकी दुर्घटना

प्रधान कतव्य यह है कि वे प्राणपणसे चेष्टा करके कर्नल ओनायन, मि० वस्वर्थ स्मिथ, राय श्रीराम तथा मिस्टर मलिक खांको नौकरीसे हटा दें। वे लोग आज भी अपने पदपर विराजमान हैं। उनका अपराध उतना ही भीषण है जितना जेनरल डाय-रका। यदि जेनरल डायरके फैसलेसे ही हम लोग सन्तुष्ट हो गये और पंजाबके शासन विभाग के परिशोध करनेके प्रधान कर्तव्यकी ओरसे लापरवाह हो गये तो हम अपने कर्तव्यका पूर्णरूपसे पालन नहीं कर रहे हैं। इस काममें केवल लम्बी चौड़ी स्पोचों और बड़े बड़े प्रस्तावोंसे सफलता नहीं मिलनी है। यदि हम लोग अपना व्यक्तित्व आगे रखना चाहते हैं, यदि हम लोग अधिकारियोको यह बात भली भांति समझा देना चाहते हैं कि उन्हें अपनेको जनताका अनन्य स्वामी नहीं समझ लेना चाहिये,बल्कि उनके संरक्षक और नोकर और यदि उन्होंने अपना आचरण ठीक नहीं रखा और अपने कर्तव्यका पालन ठीक तौरसे महों किया तो हमें कड़ाई से काम लेना होगा।