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पंजाबकी दुर्घटना

कितने जी गये और उनका पता ठिकाना तथा अवस्था क्या है?” सरकारकी भोरसे जिन शब्दोंमें उत्तर दिया गया था उन्हें भी यहीं उद्धत कर देना उचित होगा । “अभी तक जो कुछ पता लग सका है उससे प्रगट होता है कि लाहोरमें १४, अमृतसरमें ३०१ गुजरानवालामें १७, गुजरातमें २ आदी मरे। उनके नामादिकी सूचना नहीं दी जा सकती। हमारी समभामें नहीं आता कि अहमदाबाद के उपद्रवके विषयमें बम्बई सरकार इतनी भी सूचना क्यों नहीं दे सकती थी ? हम यह माननेके लिये तैयार हैं कि उसो ऊपरवाले प्रश्नका दूसरा भाग-जिसमें पूछा गया है कि बम्बई सरकार उस संबंधों भी तारीख आदिको बतलावे जहां उपद्रवके कारण गोली चलाना अनिवार्य था-हण्टर कमेटीकी जांच का विषय है। इसी प्रकार प्रश्न न० १२, १३, २२, २३ भी हण्टर कमेटोको जांच के विषय हैं। पर क्या बम्बई सरकार उन प्रश्नोंको छोडकर केवल उतनेका ही उत्तर नहीं दे सकती थी जो उसके हाथके थे और जिनका दौरा हण्टर कमेटोकी जांच पर निर्भर था उन्हें छोड़ देती?

इसके बाद प्रश्न ६, ६ और १६ आते हैं। रावसाहबने इन प्रश्नोंको जिला पुलिस ऐकृ धारा २५ (ए) के अनुसार निकाले हुए एक अज्ञापत्रके संबन्धमें किया था। इनका सीधा संबन्ध स्थानीय सरकारके फौजदारी धाराओं के प्रयोगके विष-यसे था और इनसे प्रबन्धकोंकी शासन संयन्धी उपयोगिता