पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/२८७

यह पृष्ठ प्रमाणित है।
पंजाब का सन्देश ।

__________

( मार्च २४, १९२० )

ता० २७ फरवरी को श्रीमती सरलादेवी चौधरानी ने अहमदाबाद में निम्नलिखित भाषण हिन्दी में दिया था:---

“यह पवित्र भूमि है । उसमें पंजाब को परम पवित्र मानना चाहिये । प्राचीन ऋषियों का यह प्रान्त निवासस्थान रहा है । जिस समय आधुनिक सभ्यता के चकाचौंध में पड़कर हम उसके दास हो जाते है और अपनी महत्ता को इतनी हेठ समझने लगते है कि उसका नाम लेते भी शर्माते हैं उस समय हमें उन खजानों को खोद निकालने की धुन समाती है जो वेदों में छिपे हैं और हम उन्हींकी तलाश में तल्लीन होकर अपनी आत्मा को शांति देते हैं और जब हमें उन ऋषियों के गानों की मधुर ध्वनि उन पोथियों से मिल जाती है तो हम अभिमान के मारे फूल उठते हैं, हमें अपनी प्राचीन सभ्यता का बार बार स्मरण आने लगता है और हम उसके गुणगान में मस्त हो जाते हैं । इस अतुल सम्पत्तिको उन ऋषियों ने वेदों में छिपाकर सुरक्षित कर दिया है । वेदों को हम लोग ईश्वरवाक्य मानते हैं । ये वाक्य उन ऋषियों को पंजाब की नदियों के तटपर आपसे आप प्रादुर्भूत हुए थे । यही कारण है कि पंजब का नाम ही प्राणी मात्र के हृदय को साहस,