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सत्याग्रहकी मीमांसा

पदपर पहुच सकता है। मैं अपने देशवासियोंकी अयोग्यता देखकर दुःखित होता है। शिक्षाके अभावके कारण उनमें सभी दोष बतलाये जा सकते हैं। उन्हें शिक्षित करनेकी नितान्त अवश्यकता है पर इसके माने यह नहीं है कि इन अनपढ़ लोगों के हृदयोंमें सत्याग्रहके सिद्धान्तोका पूर्णरूपसे जमा देना अस- म्भव है। सत्याग्रहके भाव इनके हृदयोंमें पूर्ण सफलताके साथ भरे जा सकते हैं, यह हमारा बहुत दिनोंका प्राचीन अनुभव है।

आपने सत्याग्रह और हड़तालमें भेद पूछा है। हड़तालसे सत्याग्रहसे कोई सम्बन्ध नही। नितान्त आवश्यकता पड़नगर ही हड़तालरूपी अस्त्रका प्रयोग करना चाहिये । मिसर हार्निमैनके निर्वासन और खिलाफत आन्दालनके अवसरोपर मेंने इस शस्त्रसे काम लिया था और मैं इसके प्रयोगमे पूर्णरूपसे सफल रहा।

प्रश्न-इन उच्छृङ्खल विदेशीअफसरोंके विरुद्ध प्रयोग करनेका सापके पास कोई अन्य अस्त्र नही था, इसीलिये आपने सत्याग्रह आन्दोलनका सहारा लिया। क्या मेरी यह धारणा ठाक है ।

उत्तर-मैं इसका कोई ठोक उत्तर नही दे सकता। मेरी धारणाहै कि हमलोगोंको इस अस्त्रका प्रयोग आनेवाले जिम्मेदार शासनके विरोध भी करना पड़ेगा क्योंकि विदेशियोंकी रक्षा- का तो 'अनजानकारीका' साधन अब भी मोजूद है पर हमारे देशवासी ता इससे सदा वञ्चित रहेंगे।

प्रश्न-स्वराज्यके जो अधिकार हमें दिये जायेंगे उनके द्वारा हम मन्त्रियोंको हटा भी सकते है ?