गलत अनुमान नहीं था, बल्कि सरकारी निर्णयका संवाद था।
निश्चय यह किया गया था कि गैलट ऐकृ पास होनेके बाद जो रविवार पडेगा उसी पहले रविवारको हड़ताल मनाई जायगी। कुछ
लोगोंको स्वीकृतिका समाचार ३० के पहलेही लग गया और
उन्होंने ३० को ही हड़ताल मनाया।
प्रश्न-आपने धापणा की थी कि कारवार बन्द करनेके लिये
किसोके ऊपर किसी तरहका दबाव न डाला जाय। हड़ताल
आपसे आप होनी चाहिये। जिसकी रुचि हो हड़ताल करे, न
रुचि हो न करे ?
उत्तर-आपका कहना एकदम ठीक है। मैंने सूचित किया
था कि हड़ताल करनेके लिए उस दिन किसी तरहका दबाव नहीं
डाला जाना चाहिये। पर हड़तालके लिये अन्य दिन नोटिस
तथा व्याख्यान आदिके द्वारा प्रार्थना की जा सकती है। और
जबतक पशुबलका प्रयाग न किया जाय मै इस प्रकारकं साथ-
नोंको नितान्न उचित और सङ्गत समझता हूं।
प्रश्न-यदि हड़तालके दिन कोई व्यक्ति किरायेकी गाड़ो
चलानेवालोंको रोकना चाहे या रोकनेकी चेष्टा करें तो आप
उसकी कार्रवाईको उचित समझते हैं या अनुचित ?
उत्तर-मै उसकी कार्रवाईको नितान्त अनुचित सम-
झता हूं।
प्रश्न-यदि ऐसे लोगोके साथ पुलिस किसी तरहको कार-
वाई करे तो क्या आप उसे अनुचित समझेगे ?