पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/१४६

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इस कोषमें सब दिशाओंसे स्वतन्त्रतापूर्वक चन्दा प्राप्त न होनेका एक और कारण उन कमेटियों द्वारा इसके आयव्ययका प्रकाशित न किया जाना है जिनके दफ्तरोंसे उपरोक्त रीतिसे पुलिस सब कागजात उठा ले गयी। पुनर्वार चन्दा देनेके पूर्व जनताके लिये यह जाननेकी इच्छा स्वाभाविक है कि हमने जो रुपया दिया है उसका प्रयोग किस प्रकार किया जा रहा है। आशा की जाती है कि जनता उन कठिनाइयोंको समझेगी जो कांग्रेसके कार्यमें पड़ रही हैं और कार्यकर्ता भी बची हुई सामग्रीके आधार पर जनताकी इच्छा पूरी करनेके लिये आयव्ययका हिसाब तैयारकर उसे प्रकाशित करनेकी चेष्टा करेंगे।

जिन लोगोंके मनकी शांति व्यर्थ ही इस आशंकासे भंग हो गयी थी कि पहली जुलाई १९२१ को जिस एक करोड़ रुपयोंके चन्देकी घोषणा की गयी थी, संभव है वास्तवमें वह रकम प्राप्त न हुई हो, उनके सन्तोषके लिये यह लिख देना आवश्यक होगा कि मांगी रकमसे अधिक वसूल हुई है। हिसाब देखनेसे मालूम होगा कि चन्देमें १२, ७१, ४०७ रुपये ११ पाई. की रकम एक करोड़के अतिरिक्त प्राप्त हुई थी।


कांग्रेसके सदस्य बनाना


कांग्रेस के सदस्य बनाने के काम में भी वैसी ही बाधाये उपस्थित हुई । जो प्रांत दमन-नोतिले प्रायः बचे रहे उनमें उन प्रान्तोंकी अपेक्षा अच्छा काय हुआ जिनमें