पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/११८

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असहयोग अभी जीवित है

किन्तु इने गिने नरमदलों तथा देश और विदेश के स्थायी स्वार्थवाले मनुष्यों को छोडकर समूचे देश का जो क्षेत्र था वही अब भी वर्तमान है। जहांका वातावरण अधिक ठण्डा (शिथिल) था वहां बावल थाड़े से प्रोत्साहन की गर्मी पहुचाते ही वह समस्त देश के सामान्य वातावरण की ही स्थिति को प्राप्त कर लेता। संक्षेप में, एक ओर अमहयोग को उन्नति का और दूसरी ओर उसे दबाने के लिये किये गये प्रतिरोधात्मक उपायों का यही विशुद्ध परिणाम है।

सरकारी विवरण

गत मार्च महीने में, महात्मा गान्धी की गिरफ्तारी के ठीक पहले, वह प्रसिद्ध विवरण प्रकाशित किया गया जिसमे भारत सरकार द्वारा 'असहयोग के कारण उत्पन्न परिस्थिति का साधारण सिंहावलो -कन" दिया गया था। इम विवरण में आन्दोलन के उद्देश्यो, अभी -ष्टों तथा साधना का बिलकुल उलटा अर्थ बतलाकर सरकार ने बड़े परिश्रमकं साथ अपना नोनि का समर्थन किया था। इसके बाद उसने, नाक-भौंह सिकोड़ते हुए निम्न लिखित शब्दों में यह बात स्वीकार की थी कि अमहयोग मे सञ्चा राष्ट्रीय भाव और धार्मिक प्रेरणा शक्ति विद्यमान है एवं वह चारों ओर दूर दूर तक फैल गयी है---

"इतना होने पर भी, यद्यपि गम्भीर और समझदार भार-