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मेरी आत्मकहानी
 

पुस्तकें ऐसी मिली जिनके रचयिताओं का नाम न जाना जा सका। इनका समय इस प्रकार है:—

स्थान
१२वीं शताब्दी
१३वीं शताब्दी
१४वीं शताब्दी
१५वीं शताब्दी
१६वीं शताब्दी
१७वीं शताब्दी
१८वीं शताब्दी
१९वीं शताब्दी
प्रगति
बुंदेलखंड
के कवि
१५ ६८ ९६ ९४ २६
बुदेलखंड के
बाहर के कवि
२२ २९ ५६ ६८ २७ ३७
२८
अनिश्चित
स्थान के कवि
१३ १६ ८९

इस रिपोर्ट में १५ व्यक्तियों का उल्लेख किया गया है, जो कवियों के आश्रयदाता तथा संरक्षक थे। उनके नाम ये हैं— राजा मधुकरशाह, कुँअर इंद्रजीत (ओड़छा), राजा सुजानसिंह (ओड़छा) राजा छत्रसाल (पन्ना), राजा उदोतसिंह (ओड़छा), राजा पृथ्वीसिंह (ओड़छा), कुँअर पृथ्वीराज (दतिया), राजा अमानसिंह (पन्ना) राजा हिंदूपत (पन्ना), राजा विक्रमाजीत (ओड़छा), विजय विक्रमाजीत बहादुर (चरखारी), राजा लक्ष्मणसिंह (विजावर), राजा रतनसिंह (चरखारी), राजा परीछत (दतिया) और राजा हिंदूपत (समथर)। इनका समय १५५० से लेकर १८९० तक होता है।