उसके उत्तर नें लाट साहब के प्राइवेट सेक्रेटरी ने निन्नलिखित पत्र भेजा।
His hononr has read the address with interest. The substantial question referred to, i e the substitution of Hindi for Crdu as the official lanuage of the court is one on which His Honour cannot now express an opinion He admits. However that your representation deserves careful attention and this he will be prepared to give to it at some future suitable time.
इनके अनंतर प्रयाग में भान्तीझन के वार्षिकोत्सब पर जस्टिस नाक्स ने जो उस उन्नव के सभापति थे कहा कि यह अवसर है कि तुम लोगों को अदालतों में नागरी-प्रचार के लिये उद्दोग करना चाहिए। उन्हें सफलता प्राप्त होने में पूरी आशा है। गवर्नर के ऊपर दिए उत्तर तथा जस्टिस नाक्स के क्यन का प्रभाव पड़ा और पंडित मदनमोहन मालवीय ने इस काम को अपने हाथ में लिया। कई वर्षों के परिश्रम के अनंतर उन्होंने Court Character and Primary Education नाम से एक पुस्तिका लिखकर तैयार की और वे एक डेपुटेशन भेजने का विचार करने लगे। इस पुस्तिका के तैयार करने में उनके मुख्य सहायक पंडित श्रीकृष्ण जोशी थे, जो बोर्ड आफ रेवेन्यू में नौकर थे। इस आंदोलन का विवरण आगे चलकर दूँगा।