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मिश्रबंधु

. १३२. मिश्रवंधु-विनोद सं. नाम-(४५२६ ) दीनानाथ व्यास उज्जैन-निवासी, पिता का नाम पं० बालमुकुंद व्यास । जन्म-काल-सं० १९६६ । रचना-काल-सं० १९८५ ग्रंथ-'समर्पण' नाटिका पध-बंध तथा स्फुट लेख । विवरण-उज्जैन-राजकीय पाठशाला में हिंदी-अध्यापक हैं। उदाहरण- चाहिए न कोमल चपल बालरूप तेरा, वृदावन राम के अनेक रासधारी हैं। चाहिए न योगिन तुम्हारा सुविशाल रूप, मोहन तुम्हारी धर्मशीलता न प्यारी है। योग-याग फेरे में पड़े हैं उन्हें सिद्धि द्वारा लोभ में लुभाते यही प्रादत तुम्हारी है . मेरे हृदयेश तुम मुझसे करो न छल, मंद मुसका दो यही याचना हमारी है। नाम-(४५२७) देवीप्रसाद श्रीवास्तव । जन्म-काल-सं० १९६० । विवरण-आप गद्य एवं पद्य के लेखक हैं। नाम---(४५२८) पृथ्वीपालसिंह बी० ए०, एल-एल० बी०, लखनऊ। जन्म-काल-लगभग सं० १९६० । रचना-काल-सं० १९८५ विवरण-स्फुट लेखकार। नाम-(४५२६) प्रभाकर श्रीखंडे प्रेम। जन्म-काल-सं० १९६३ ॥ रचना-काल-सं. १९८५