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मिश्रबंधु

सं. १९८३ चक्र उत्तर नूतन ६२१ . . विवरण- -श्राप जाति के कायस्थ बाबू दामोदरसहायसिंह 'कवि. किंकर' के पुन्न हैं। नाम-(४४६७ ) द्विज श्याम द्विवेदी, जिला बाँदा । जन्म-काल-सं० १९६३ । नाम-(४४६८) मार्कंडेय पांडेय 'मधु', खरेंदा, भगवान- पुर (शाहाबाद)। जन्म-काल--सं० १९६३ । रचना-काल-लगभग सं० १९८३ । विवरण-आप एक नवयुवक, उत्साही लेखक और 'देश-सेवक पत्र के संपादक है। उदाहरण- बल खाती मनहर पनिहारिन जल भरने नहिं भाई झीनी अंगिया के तारों से है हृदय झांकने नाई। प्रेम-नगर की साँकर गलि से नेह निवारत आई; छवि-मयंक के कितने चातक बाँध लजीली लाई। निर्मल शीतल सरवर जल में प्रेस - मीन को पाई। उझक-झिझक कर जानि अकेली छवि-वंशीहि बझाई । सुरमित भाव-कुसुम की माला जीवन धन पहनाई; लोचन लाज लगाम लगाकर समय सकोच बुझाई । नाम-(४४६६ ) रघुवरदासजी महंत, ग्राम हारट, तहसील हदा (मध्यप्रांत)। जन्म-काल-सं० १९४८ रचना-कान-सं० ११३ । प्रथ-स्फुट कविताएँ। विवरण-आप जुझौतिया ब्राह्मण पं० किशोरप्रसाद के पुत्र हैं। धर्म-भूषण' पत्र में आपकी कविताएँ प्रायः निकला करती हैं।