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मिश्रबंधु

सं. १९६५ उत्तर नूतन १४२ जन्म-काल- नाम--(४३१५) रामरत्नजो परमहंस । ग्रंथ-(१) शब्द, (२) कुंडलियाँ । नाम-(४११६ ) वासुदेव उपनाम पठानअली, कौलारस । जन्म-काल-सं० ११४०। अंथ-हित महाप्रभु की विनय । विवरण --राधावल्लभी। नाम--(४११७) विध्याचलप्रसाद कायस्थ, हरपुरनाग, चंपारन। ग्रंथ-१८ पूर्ण और अपूर्ण छोटे-छोटे नथ । नाम- ---( ४११८) वेणीमाधव, मिन्ना, राज्य रोवाँ। -सं० १६४०1 ग्रंथ-श्रानंदरामायण का छंदोबद्ध अनुवाद । नाम-(४११६) शालग्राम शास्त्रो। जन्म-काल-लगभग सं० १९४५ रचना-काल-सं० १९६५। अंथ-(१) साहित्य-दर्पण की विमला टीका, (२) आयुर्वेद महत्व, (३) रामायण में राजनीति श्रादि । विवरण-श्राप हिंदी के उद्धट समालोचक एवं उच्च कोटि के लेखक हैं । संस्कृत एवं भाषा-शास्त्र के अच्छे ज्ञाता हैं। काशी में होनेवाले श्र० भा० संस्कृत-सम्मेलन में आप सभापति हुए थे। आजकल प्राप लखनऊ में प्रमुख वैद्य माने जाते हैं। हिंदी-मासिक पत्रों में श्रापके लेख निकला करते हैं। नाम-( ४१२०) शिवप्रसाद हेड पं० दरभंगा। नाम--(४१२१) शिवलालराय । जन्म-काल-सं० १९४०। प्रथ--स्फुट छंद ।