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मिश्रबंधु

मिश्रबंधु-विनोद सं० १९६६ हिंदी-लेक्चरर हैं । आप विनोद-प्रिय, सादे रहन-सहनवाले एक प्रतिभा- पूर्ण एवं प्रभावशाली नाटककार और ग्रहसन-पूर्ण लेखक हैं। नाम-(३६३२) लल्लीप्रसाद पांडेय । जन्म-काल-सं० १९४३ । रचना-काल-सं० १९६८। अंथ-(१) ठोक-पीटकर वैद्यराज, (२) रायबहादुर, (३) नव कथा, (४) पत्र-पुप्प, (५) पंच पल्लव, (६) भक्त-चरित- माला, (७) अमियनिमाई-चरित्र, (८) जगद्गुरु का प्राविर्भाव, ( १) जीवन का सूल्य। विवरण-- -~-श्राप सागर-निवासी पं० रामलालके पुत्र तथा सुलेखक हैं। हास्य-रस पर आपने विशेष ध्यान दिया है। नाम---( ३६३३ ) हेमतकुमारीदेवी (भट्टाचार्य) आपका जन्म सं० १६४३ में, लखनऊ में, हुआ, और विवाह सं० १९५६ में । आपको हिंदी से बड़ा प्रेम है, और उसकी उन्नति में आप सदैव श्रमशील रहती हैं । प्रयाग-प्रदर्शिनी से लाभ-नामक १५० पृष्ठों के निबंध पर आपको ५००) का तथा आदर्श पुरुष रामचंद्रवाले लेख पर १०) का पुरस्कार मिला । आपने स्वीकर्तव्य, युक्त-प्रदेश का व्यापार, और वैज्ञानिक कृषि-नामक तीन ग्रंथ लिखे हैं। समय-संवत् १९६६ नाम-( ३६३४) चतुरसेन शास्त्री, दिल्ली-निवासी । जन्म-काल-लगभग सं० १९४५। . रचना-काल-सं० १९६१ । विवरण-आपने कई औपन्यासिक तथा अन्य परमोच्च श्रेणी के ग्रंथ लिखे हैं। आप वैद्य हैं, और वैद्यक पर भी एक भारी ग्रंथ लिख चुके हैं। भापा बढ़िया है और श्राख्यायिकाएँ अच्छी लिखते