पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/६२

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१६३ अज्ञात-कालिक प्रकरण अंथ-सौरंग की कथा। [प्र० ० रि०] नाम--(१६१६) भीखजन ब्राह्मण । ग्रंथ-बावनी। विवरण-नीति, ज्ञानोपदेश । श्लोक-संख्या १००। नाम-(१६१७) भीखूजी। ग्रंथ-डीराबोल। विवरण-राजपूतानी भाषा के कवि । नाम-(१६१८) भूधरमल । ग्रंथ-भूपाल चौबीसी । [खोज १६००] नाम-(१६१६) भूप, शहजादपुर । ग्रंथ-चंपू सामुद्रिक भाषा। [खोज १९०३ ] नाम-(१६२०) भेख। ग्रंथ-फुटकर कवित्त । नाम-(१६२१) भैरौं कवि, लुहार सीकर। ग्रंथ- स्फुट । विवरण-खेतड़ी के राजा बाघसिंह की प्रशंसा में बहुत-से छंद बनाए थे । साधारण श्रेणी। नाम-(१६३१) भोरी सखी। ग्रंथ-पद्यावली। विवरण-राधावल्लभी। नाम-(१६२२) भोलानाथ, कन्नौज । ग्रंथ-(१) बैतालपचीसी, (२) मापा लीलावती। [प्र० ० रि०] विवरण-दीक्षित थे। नाम-(१६२३ ) मकसूदन गिर गोस्वामी । ग्रंथ-वैद्यकसार । [पं० त्रै० रि०]