पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/३६५

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१२९६ मिश्नबंधु-विनोद नाम-(२४५७ ) नीलकंठ, बड़ौदावासी। नाम-(२४५८) पंचम, बुंदेलखंडी। जन्मकाल-१९११ । विवरण-गुमानसिंह राजा अजयगढ़ के यहाँ थे। निम्न श्रेणी के कवि थे। नाम-( २४५९) प्रभुदयाल कायस्थ, अजयगढ़, बुंदेलखंड । ग्रंथ-ज्ञानप्रकाश । जन्मकाल-१९१५। नाम-(२४६०) बच्चूलाल, बछरावाँ । नाम-(२४६१ ) विश्वनाथ, टिकारी, रायबरेली। नाम-(२४६२) विश्वेश्वरानंद महात्मा । ग्रंथ-चतुरा की चतुराई । विवरण---आपने कई और ग्रंथ भी रचे हैं। नाम-(२४६२ ) विहारीलाल । ग्रंथ-उमठकुलभास्कर वा बहार विहारी । [च. त्रै० रि०] नाम-(२४६३) वृंदावन सेमरौता, जिला रायबरेली । ग्रंथ-(१) देवीभागवत भाषा (१९५३)। . नाम-(२४६४ ) वंदन पाठक, काशीवासी । ग्रंथ-मानसशंकावली। जन्मकाल-१६१५ विवरण-ये महाशय रामायण के अच्छे टीकाकार थे। आपने महाराज ईश्वरीप्रसाद नारायणजी की आज्ञा से ग्रंथ बनाया । रामायण तुलसी-कृत पर इनका प्रमाण माना जाता है।