पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/३६३

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१२६४ मिश्रबंधु-विनोद नाम-( २४४४ ) गंगादास नैमिषारण्य, कायस्थ । ग्रंथ-विनयपत्रिका। विवरण-हीन श्रेणी के कवि थे। नाम-(२४४५) गंगाप्रसाद (गंग), सपौली, जिला सीतापुर। ग्रंथ-दूतीवितास। विवरण-साधारण श्रेणी । नाम--(२४४६) चंद्र झा। ग्रंथ-रामायण । विवरण-महाराजा दरभंगा के यहाँ थे। नाम--(२४४७) जगन्नाथ अवस्थी, सुमेरपुर, जिला उन्नाव। विवरण-ये संस्कृत के बड़े विद्वान् थे और कई ग्रंथ भी बनाए हैं। भाषा में इनके स्फुट छंद मिलते हैं। ये राजा अयोध्या और अलवर के यहाँ रहे । इनकी गणना तोष कवि की श्रेणी में की जाती है। नाम-(३४४७) जगन्नाथ ( उपनाम सुखसिंधु) ग्रंथ-पीयूषरत्नाकर। नाम-(२४४८) जगन्नाथप्रसाद कायस्थ, छतरपूर । विवरण-ये महाशय दरबार छतरपूर में हेड अकौंटेंट थे, और भाषा के बड़े प्रेमी हैं । श्रापके यहाँ पुस्तकों का अच्छा संग्रह है। श्राप भाषा के उत्तम लेखक हैं। आजकल श्राप झाँसी में अपने लड़के के पास रहते हैं, जो वहाँ वकील है। नाम-( २४४९) जबरस बंदीजन, बुंदेलखंड । विवरण-ये महाराज रीवा-नरेश के यहाँ थे।