पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/३५९

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१२६० मिश्रबंधु-विनोद . नाम-( २४१५ ) महरामणजी। . ग्रंथ--प्रवीणसागर । विवरण-राजकोट-निवासी। यह ग्रंथ समाप्त होने के पूर्व ही श्रापकी मृत्यु हो गई । श्रतः सं० १९४५ में कविवर गोविंदगिल्ला भाई ने इसे पूर्ण किया। नाम-(२४१६) राघवदास साधु । ग्रंथ-गुरुमहिमा । नाम-(२४१६ ) नित्यनाथ । ग्रंथ-(१)मंत्रखंडरसरत्नाकर, (२) उडीश तंत्र । (खोज १९०३) रचनाकाल-१९३६ के पूर्व ।। विवरण-तंत्रविषयक। समय संवत् १९३९ नाम-(२४१७ ) देवराज खत्री, जालंधर। ग्रंथ-(१) अक्षरदीपिका, (२) शब्दावली, (३) बाल- विनय, (४) बालोद्यान संगीत, (१) सावित्रीनाटक, (६) कथाविधि, (७) पाठावली, (८) सुबोधकन्या, (६) पत्रकौमुदी, (१०) गणितभूषण, (११) गृह- प्रबंध। नाम-(२४१८ ) परमेश्वरीदास कायस्थ, बाँदा । ग्रंथ-दस्तूरसागर। विवरण—यह लीलावती का छंदोबद्ध अनुवाद है। नाम-(२४१९) विध्येश्वरी तिवारी, सहगौरा, जिला .. गोरखपुर ।.. ग्रंथ-मिथिलेशकुमारी नाटक । जन्मकाल-11 . .