पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/३५४

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१२५ वर्तमान प्रकरण कत्तिकालकौतुक, (२६) उपाध्यायी-उपद्रव, (३०) चित- चुरावनी, (३१) स्वारथी संसार, (३२) नए बाबू, (३३) पुरानी लकीर के प्रकीर, (३४) शतमूर्ख प्रकाशिका, (३६) भूमिहारभूषण, (३६) कलियुगोपकार-ब्रह्म- हत्या। जन्मकाल-१६२०1 कविताकाल-११४५ (२३९२) लाजपतराय (लाला) इनका जन्म संवत् १६२२ में, जिला लुधियाना के जगरन नाम नगर में, एक अग्रवाल वैश्य-घराने में, हुआ था। आपने वकालत में अच्छी ख्याति पाई और प्रार्थ-समाज एवं देशहित-साधन के कार्यों के कारण आपको बहुतेरे भारतवासी ऋपिवत् पूज्य समझते हैं। लाला साहब ने दयानंद कॉलेज को अच्छी सहायता दी और अकाल-पीड़ितों के लिये श्लाघ्य श्रम किया। एक बार राजद्रोह के संदेह में श्राप प्रायः छः मास तक बर्मा में कैद कर दिए गए थे। हिंदी-गद्य-लेखन की ओर भी आपका ध्यान रहता है। आपने अच्छे-अच्छे लेख लिखे हैं। आपने भारतवर्ष का इतिहास-नामक एक इतिहास-ग्रंथ लिखा है। आपकी आयु का अधिक समय देश-हित के कामों में लगता है। आजकल देश-नेताओं में आपका नंबर बहुत अच्छा माना जाता है। इस समय के अन्य कविगण समय सं० १९३६ नाम-( २३६२ ) आदिलराम । संगीतादित्य ग्रंथ भाषा में बनाया। रचनाकाल-संवत् १९३६। नाम-(२३९३) दयानिधि ब्राह्मण, पटना ।