पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/३२३

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१२५४ मिनबंधु-विनोद विवरण-~ये भरतपुर के महाराज जसवतसिंह के धा भाई थे और संवत् १६४५ में इनका स्वर्गवास हुआ। (२३५४) दुर्गाप्रसाद मिश्र पंडित इनका जन्म संवत् १६१६ में, रियासत कश्मीर में, हुआ था । ये महाशय संस्कृत, हिंदी और बंगला में परमप्रवीण थे, और अँगरेज़ी भी जानते थे । जीविकाथ ये सकुटुंब कलकत्ते में रहते थे। इन्होंने कई पन्त्र चलाए तथा संपादित किए । प्रसिद्ध पत्र भारतमित्र इन्हीं का चलाया हुआ है । इसके अतिरिक्त सारसुधानिधि, उचितवक्ता और मारवाड़ीबंधु-नामक पत्र भी इन्होंने चलाए । इन्होंने २०२२ पुस्तकें अनुवाद प्रादि मिलाकर लिखीं। इनका स्वर्गवास १९६७ में हो गया। ये महाशय हिंदी के परमोत्तम लेखकों में से थे। नाम-(२३५५ ) मातादीन द्विवेदी (हरिदास ), गजपूर गोरखपूर । रचना-स्फुट काव्य, २०० छंद । जन्मकाल-१६११ रचनाकाल-१९४०। विवरण-कविता सरस है। उदाहरण- टेसू पलासन औ कचनार अनार की हार अँगार लखायगो; तापर पौन प्रसंगन ते रज के कन धूम के धार सो छायगो। त्यों ही कछारन मैं सरसौं के प्रसूनन पै जरदी दरसायगो; हाय दई हरिदास न पाए बसंत बिसासी कसाई सो पायगो। नाम-(२३५६) नकछेदी तेवारी ( उपनाम अजान कवि) अंथ-(१) कविकीर्तिकलानिधि, (२) मनोजमंजरीसंग्रह, (३) मँडौलासंग्रह, (४) वीरोल्लास, (५) खजावली, (६) होरीगुलाल, (७). लछिराम की जीवनी।