पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/३२२

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वर्तमान प्रकरण १९१३ इनकी कविता प्रशंसनीय है । इनकी गणना तोप की श्रेणो में की जाती है। उदाहरण- घूमत घटा से घनघोर से धुमँड़ घोख, उमड़त पाए कमठान ते अधीर से; . चपट चपेट चरखीन की चलाचल से, धूरि धूम धूसत. धकात बलि बीर से । मसत मतंग , रामसिंह महिपालजू के, दाकिनि डराए मदछाकिनी छकीर से साजे साँटमारन अखारन के जैतवार, . पारन के अचल पहारन के पीर से । नाम-(२३५२) राव अमान । ग्रंथ-(१) लाल-बाबा-चरित्र, (२) लालचरित्र, (३) महाराज तनतसिंहजी की कविता, (४) महाराज तखतसिंहजी का जस। कविताकाल-१९३६ सक । . विवरण-इनकी रचना देखने में नहीं आई। . (२३५३) कालीप्रसाद त्रिवेदी ये बनारसवाले हैं। इनका रचनाकाल १६४० के लगभग है। आपने भाषा-रामायण और सीय-स्वयंवर के अतिरिक्त अनेक मदरसो की पुस्तकें रची। नाम-(२३५३ ) गुलाबसिंह धाऊजी। जन्मकाल-१८७८। कविताकाल-११४०। ग्रंथ--प्रेमसतसई, कार्तिकमाहात्म्य, फुटकर छप्पय, फुटकर पद, . हितकल्पगुम, सामुद्रिकसार ।