पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/३१३

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१२४४ मिश्रबंधु-विनोद ग्रंथ-वैद्यक के ४६, ज्योतिष के १६, व्याकरण के ४, न्याय के ७ ग्रंथ। जन्मकाल-१६११ । विवरण-श्राप गौड़ ब्राह्मण हैं । आप अंथरचना में विशेष रुचि नाम-(२३३६) रविराम । ग्रंथ--संगीतादित्य। विवरण-जामनगर-निवासी प्रश्नोरा नागर ब्राह्मण थे। नाम-(२३३७ ) श्रीहर्षजी ब्राह्मण, काशी। ग्रंथ-~(1) राधाकृष्ण होरो (पृ० १८), (२) राधाजी को व्याह (पृ. १२)द्वि०० रि०1 नाम-(२३३८) सीताराम वैश्य, पैतेपूर,जिला बारहबंकी। ग्रंथ-ज्ञानसारावली। जन्मकाल-~-१६०७ । सैंतीसवाँ अध्याय उत्तर हरिश्चंद्र-काल (१९३६-४५) (२३३९) भीमसेन शर्मा इनका जन्म संवत् १९११ में, एटा जिले में, हुआ था । संस्कृत विद्या में अच्छा अभ्यास करके ये महाशय काशी में आर्यसमाजी हो गए और बहुत दिन तक समाज के अच्छे उपदेशकों में रहे । पीछे- से इनका मत बदल गया और ये फिर सनातनधर्मी होकर ब्राह्मण- सर्वस्व-नामक एक पत्र निकालने लगे। ये महाशय एक अच्छे उपदेशक और पूर्ण पंडित हैं। हिंदी और संस्कृत में ये बड़ी सुगमता के साथ उत्तम व्याख्यान देते हैं । ये अपनी धुन के बड़े पक्के हैं । इनका यंत्रालय इटाचे में है और वहीं से ब्राह्मणसर्वस्व निकलता है।