पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/२९०

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वर्तमान प्रकरण १२२१ विवरण-ये महाशय बंदी-दरबार में वंश-परंपरा से कवि हैं। आपकी कविता प्रशंसनीय होती है। उदाहरण---- राजत गंभीर मरजाद मैं कुसल धीर, करत प्रताप पुंज प्रगटित आठौ जाम। चहुवान-मुकुट प्रकासित प्रबल आज, तेरे त्रास त्रसित नसाए सत्रु धाम-धाम । . नीति निपुनाई धरि पालत प्रजा को नित, साहिबी मैं सुंदर अमंद है बढ़ायो नाम; पारावार सदश प्रियव्रत प्रभाकर से, पारथ से पृथु से पुरंदर से राजा राम । (२२०३) रुद्रदत्तजो शर्मा इनका जन्म सं० १९०६ में हुआ था । योगदर्शन-माप्य, स्वर्ग में महासभा, स्वर्ग में सबजेक्ट कमेटी नामक पुस्तकें आपने लिखीं । आप 'श्रार्थमित्र' के संपादक थे। इनकी रचना से धर्म-संबंधी वर्तमान विचारों का अच्छा ज्ञान होता है। हाल में इनका स्वर्गवास हो गया। इस समय के अन्य कविगण समय संवत् १९२६ के पूर्व नाम-(२२०४) छेदालाल ब्रह्मचारी, कानपूर । ग्रंथ-कई ग्रंथ । नाम--(२२०५ ) तुलसी श्रोमा । विवरण-साधारण श्रेणी। नाम----(२२०६) नरेश । ग्रंथ-नायिकाभेद का कोई अंथ । विवरण-तोष-श्रेणी । नाम---( २२०७ ) नवनिधि।