पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/२३४

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१५६५ परिवर्तन-प्रकरण विवरण-श्राप कालपी में वकील थे। रामलीला के रसिक ही न थे, बरन् रावण बनते भी थे, और अपने को रावण का अवतार कहते थे। उपनाम भी लंकेश रक्खा था। नाम-(२१५७) महेशदत्त शुक्ल अवधराम के पुत्र धनौली, जिला बारहबंकी। ग्रंथ-(१) विष्णुपुराण भाषा गद्य-पद्य, (२) अमरकोष- टीका, (३) देवी भागवत, (४) वाल्मीकीय रामायण, (१) नृसिंहपुराण. (६) पद्मपुराण,(७) काव्यसंग्रह, (८) उमापति-दिग्विजय, (१) उद्योगपर्व भाषा, (१०) माधवनिदान, (११) कवित्तरामायण टोका । जन्मकाल-१८१७1 कविताकाल-१९२५ । मृत्यु १६६०। नाम--(२१५८) मूलचंद कायस्थ, खैराबाद, जिला ___ . सीतापूर। अंथ-(1) धर्म-सागर, (२) भजनावली ७ भाग । जन्मकाल-१६००। कविताकाल-१९२५ । मृत्यु १६५।। नाम-(२१५९ ) रघुनंदन भट्टाचार्य। ग्रंथ-(1) सनातनधर्मसिद्धांत, (२) धर्मसिद्धांतसंहिता, (३) दिग्विजयाश्वमेध, (४) पाखंडमुंडिनिदर्शन, (१) कृत्यवाद, (६) शब्दार्थनिरूपण, (७) दाननिरूपण, (८) लक्षणावाद, (६) सदूषण, (१०) सदाशिवास्तुति । जन्मकाल-१८६६ कविताकाल-१९२५ । नाम-(२१६०) रघुनंदनलाल कायस्थ, बनारस ।