पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/२२६

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परिवर्तन-प्रकरण ११५७ विवरण-कविता सानुप्रास और यमकयुक्त उत्तम है। साधारण नाम-( २१३२ )गोपाल कवि। ग्रंथ- समस्या-चमन । [च० ० रि० ] रचनाकाल-१६२। नाम-(२१३२ ) मदनसिंह कायस्थ । ग्रंथ-(१) मदनचंद्रिका (१९२१), (२) मदनमुद्रिका (१९२३), (३) हम्मीरप्रकाश (१९२३), (५) मदनप्रताप शालिहोत्र ( १९३), (१) फारसी की बात। प्र० त्रै० रि०] रचनाकाल-१६२। विवरण----ओरछा-नरेश हम्मीरसिंह तथा प्रतापसिंह के यहाँ थे । नाम---(२१३३) राधाचरण कायस्थ, राजगढ़, बुंदेलखंड। अंथ-(१) यमुनाष्टक, (२) राधिकानखशिख, (३) शंभु- पचासा। जन्मकाल-१०६६। कविताकाल-१९२, । मृत्यु १९५१ नाम-(२१३४ ) श्रीकृष्णचैतन्यदेव । ग्रंथ-सौंदर्यचंद्रिका । [ द्वि० ० रि०] कविताकाल-१९२२ के पूर्व । नाम-(२१३४) दीपकुँअरि रानी। अंथ-दीपविलास । [प्र० त्रै० रि०] रचनाकाल-१६२२॥ विवरण-अजयगढ़-नरेश महाराजा माधवसिंह की रानी थीं। नाम-(२१३५) बख्तावरखाँ, बिजावर । ग्रंथ-धसुषसवैया।