पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/१४९

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1०६० मिश्रबंधु-विनोद अंथ-भावनामृत । [प्र० ० रि० ] नृपकेलि कादंविनी । [च. त्रै रि०] कविताकाल-१६०० के पूर्व । नाम-(१६३६) रमणलाल गोस्वामो । ग्रंथ-हितमार्गगवेषिणी। रचनाकाल--१९०० के पूर्व । विवरण-राधावल्लभोय संप्रदायाचार्य । नाम-(१९३७) रघु महाशय । कविताकाल--१६०० के पूर्व ।। विवरण-इनके पद रागसागरोद्भव में हैं। नाम-(१९३८) रामजस। कविताकाल-१६०० के पूर्व । विवरण-इनके पद रागसागरोद्भव में हैं। नाम--(१९३९) रामराय राठौर । कविताकाल-१६०० के पूर्व । विवरण-साधारण श्रेणी। नाम-(१९४०) रायमोहन । कविताकाल-११०० के पूर्व । विवरण-इनके पद रागसागरोद्भव में हैं। नाम-( १९४१) रूप सनातन । ग्रंथ-शृंगारसुख । कविताकाल-१६०० के पूर्व । [प्र. रि.] विवरण–इनके पद रागसागरोद्भव में हैं। कहते हैं कि रूप और सनातन दो भाई थे । रूप रहते थे राधाकुंड पर और सनासन वृंदावन में।