पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/१४५

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मिश्रबंधु-विनोद चिंतामणि [ प्र० ० रि० ], (३) दस्तरमोदतरंग। कविताकाल-IEEE के पूर्व ।। विवरण-धोरवाई उरछा राज्य । श्राप दसिया में भी थे। नाम-(१९१३) रसानंद भट्ट । ग्रंथ—संग्रामरत्नाकर ।। द्वि० ० रि०] (रसानंदधन १८८९)। कविताकाल~-१८६ । विवरण-भरतपुर-नरेश महाराजा बलवंतसिंह की आज्ञानुसार रचा। नाम-( १९१४) आशुतोष । कविताकाल~१६०० के पूर्व । विवरण–इनके पद रागसागरोद्भव में हैं। नाम-(१६१४) उद्धव उपनाम औघड़ । ग्रंथ-(१) फर्णजक्तमणि, (२) कुकविकुठार । कविताकाल-१९०० के पूर्व । विवरण- लखतर काठियावाड़वासी औदीच्य ब्राहाण थे । नाम-(१९१५) कमलाकर । कविताकाल-१६०० के पूर्व । विवरण-इनके पद रागसागरोद्भव में हैं। नाम--( १९१६ ) करतालिया। कविताकाल-१६०० के पूर्व । विवरण-इनके पद रागसागरोद्भव में हैं। नाम-(१९१७) करुणानिधान । कविताकाल-~१६०० के पूर्व । विवरण-इनके पद रागसागरोद्भव में हैं। 'नाम-(१९१८) कल्यान स्वामी राधावल्लभी। ग्रंथ-स्फुट पद।