पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/१३९

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१०७० मिश्रबंधु-विनोद नाम--(१८४०) घनश्यामदास कायस्थ । ग्रंथ-(१) अश्वमेधपर्व, (२) वसुदेवमोचिनीलीला, (३) साँमी। कविताकाल-१६। [प्र. त्रै० रि०] विवरण-महाराजा रत्नसिंह चरखारीवाले के यहाँ थे। नाम-(१८४०) नत्थासिंह । ग्रंथ-पद्मावत । [४० त्रै० रि०] रचनाकाल~१८६५। नाम-(१८४१) प्राणसिंह कायस्थ, चरखारी। ग्रंथ-स्फुट । जन्मकाल-१८७० । मृत्यु १९०७ । कविताकाल-१८६ विवरण-रियासत चरखारी में नौज के बख्शो थे। नाम--- (१८४१) गणेश। करौली के चौबे गणेश कवि ने मध्य संप्रदाय के गोस्वामी श्रीहरि- किशोर के पुत्र मुकुंदकिशोर के कहने से संवत् १८६५ में एक बड़ा 'रसचंद्रोदय' नाम का ग्रंथ सत्रह अध्याय का बनाया और भी कई ग्रंथ हैं, जिनमें --रसचंद्रोदय, २-कृष्णभक्तिचंद्रिका नाटक, ३- सभासूर्य, ४-माहात्म्य, ५ नम्रशतक नाभा के राजा देवेंद्रसिंह के लिये रचा है। करौली के यदुवंशी महाराजा श्रीमदनपालसिंहजी के समय में गणेश कवि हुए और संवत् १९११ में स्वर्गवासी हुए। • नाम-(१८४२ ) विष्णुदत्त, चैमलपुरा । । अंथ-(१) राजनीतिचंद्रिका (खोज १९०४), (२) दुर्गा- शतक। कविताकाल-१८९५ विवरण-ठाकुर जैगोपालसिंह के यहाँ थे।