पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद ३.pdf/१३६

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परिवर्तन-प्रकरण १०६७ रचनाकाल-१८६१ । विवरण-मधुसूदनदास-श्रेणी। नाम-(१८३१) भावन पाठक, मौरावाँ, जिला उन्नाव। ग्रंथ-काव्यशिरोमणि या (काव्यकल्पद्रुम)। रचनाकाल--१८६१ विवरण साधारण श्रेणी। नाम-(१८३१) अजबेस भाट (द्वितीय)। अंथ-बधेलवंशवर्णन । (१८९२) कविताकाल- २ | [ खोज १६०१] विवरण-महाराजा विश्वनाथसिंह बांधव-नरेश के यहाँ थे। तोष- श्रेणी। नाम-(१८३९) पं० कृष्णदत्त पांडेय । ग्रंथ-कृष्णपद्यावली, भारत का ग़दर । जन्मकाल-१८६२ । मृत्यु काल १६१६ । रचनाकाल-१८१२॥ विवरण-श्रापका जन्म भोजपुर ग्राम में हुआ था। आपके दोनों ग्रंथ जलकर नष्ट हो गए हैं। आप बड़े शिवभक्त थे। उदाहरण- लंबोदर की मातु के पति जो भंजनहार; कर जोरे तेहि विनय करूँ जिनने मारा मार । कलि के कराल वर व्याल सम दुःखहू से, नेकहू न तन मन मेरो घबरात है; पुन्य पाठ तजि के पढ़ाय पाठ पापहू को, व्याल सम कलि मेरो घातक अपार है। मेरो मन तन अपनाय यह कलि नीच, बड़ों से छोड़ाय साथ नीचहूँ ते लायो है।