पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/८९

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, पारीकोज] पूर्दाऊत मरण । रचनाकाल–१७१८ के पूर्व । 'नाम--(६३५) साइन । घनकाळ--१७१२ के पूर्ष । नाम-(३६६) सिद्ध । रचनाकाल--१७१२ के पूर्व । नाम-३६७) सुबुद्धि। रचनाकाल---१७१२ के पूर्व। नाम--(३६८) संत । चनाकाल-१७१२ के पूर्वं । नाम--(३६६) वारन। अन्ध--रत्नाकर! जन्मसंवत्-१६८६। नापाल–१७१२। पिपरा--सैयद अशरफ़ कडा मानिकपुर के अध्यापक । सुलान- | शुजी फी तारीफ में कविता की है। साधारण ने पी। नाम-४००) प्राचार्य। अन्य–विपदार भाषा ।। रचनाकार-२७१४ । विवरण–शायद जैन थे। नाम (४०१) गगाराम् । बन्ग-१) सारस पृष्ठ ११० पद्म । घनाद्ध-११५॥