पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/६०१

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अज्ञात-कालिक प्रकरण । इकतीसवाँ अध्याय । अज्ञात काल । पहुत से कवियों के विषय में प्रयद्ध करने पर भी काल- निरूपण दद्दों है। सका, परन्तु इसी कारण उन्हें छोड देना अनुचित समझ कर हम ने उनके लिए पद अध्याय नियत कर दया है। इन में कलस देर सनिया की कविता कुछ अच्छी प्रतीत होती है। इन कविया में देश चार की सुमनया हाल समालोचनाचे द्वारा लिखकर चक द्वारा नेप का बन कर (१३२२) कलस । इस कवि पर केवल एक छन्म हुनने देखा है, परन्तु र पैसा | अच्छा है कि इसका नाम न छिचना दम अन्याय समझते हैं। इस कवि फी रचना बड़ी ही रसीली है। इस इम नहीं जान सके हैं, और न इसका नाम शर्वातं; सज्ज में समय | लिखा है। इसका एक छद हम नीचै लिम्रते हैं। इसकी गणगा। तीप भैये के कवियों में है ॥