पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५९०

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पाक घाज ] उत्तर र । १६६ जन्मकाल-१८५५। कविता- -१८८६ । विचरण–नि अंश । नाम-(१३७८) मुशदि । जन्माल-१८५५ ।। वधिचा —ि१८८० । विवर- ताप थे । नाम--(१२७६.) हीदास (प्री) पाथम्य, चरखारी । न्य-धाशिअनन्न ।

  • वता कलि--१८८० ।

वरण महाराजा रतनसिद्द ६ समय में थे। में (१९८०) कचिरान । त्रितीका-१८८१।। पेपैरगनिम्न श्रेणी । T-(१३८१) पाल बन्दीज़न । अन्य(१) शिवनदर्पण (अर्थात् बलभद्र शुक्ला शिक्षनग्न पी का) {१८९१), (२) भानपचोसो, ॐ पुम्दावनधाम अनुरागयो, (४) दम्पतिवाक्यविदास । जावल–१८८६ ।। -रखारीनरश राज नाँस्न के गर्दा धे।। १३८२) गदा फायल पैयारी या दतिया ।