पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५६

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मिश्रन्धविनाद । [सं० १००८ 9ay नाम--(३३२) छपीछे अज्ञासः । रचनाफल--१७००। विपर-नके पद रागसगिरीव में हैं। साधारण ४ी ! इनष नाम सूदन ने भी सुजानचरित्र में लिया है । नाम-१३३३) चैछ । रचनाकाल-१७६० । चियर---इनके छन्द इज़ारा में हैं। साधारय थे। नाम-(३३४) कुिर प्राचीन । रचनावाद-१७es | विवरण–पटुमार थी। इनके छन्द फालिदासज़ारा में हैं। नाम-(३३५) तुलसीदास । ग्रन्थ--(१) फपिमाल ( १७ec ), (३) धुचनायी। रचनकाल–१७es। विवर-हीन थे। नाम (३३६) धैि। रचनाफाट–१७००1 विवर–इनके पदं रागसागरोन्नध में हैं। निम्न हो । नाम-(३३) परमेश प्राचीन ।