पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५४०

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बेनीय-काश ] उत्तगतंकृत प्रकरण । ६६६ विवरण–चनारीनरेश स्वमानसिंह के यहाँ थे। भाम-(१ १६७) दिनैदी लाल । मन्थ–म्याबिनैद । कविशफाल---१८६६ । बिबरण— राजा चिरोंजीयल उदयपुरवासी के पुत्र हैं। नाम-१३ १६.८) मारकंडे मिश्र । ग्रन्थ चंद्वीच्चरित्र । कविताकाळ—१८६९ के पूर्व । माम-(११६६} सनसेन । ग्रन्थ-महाभारत का हिंवी अनुवाद ! कविताकाल-१८७० के गई। वियरड़ा ग्रन्थ । नाम(१३५०) फरनेस । कविताकाल-१८७७ 1 विवरण चंद्रशेचर कधि के गुरु थे। नाम-(२०१) चिरंजीव प्राण, दैसषास गैगसाँई घेरा । प्रन्थ महाभारत मारा। कविताकाल-१८७० । विवरण साधारप । नाम-(३२२३) पूलमदास।