पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/४८३

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८५६ मिश्रपन्नादि । [६० १६११ राए-1 s६६) राष्ट्र } अन्य मराफ । कविता-काट–१८५३ । बिपर-जयपुरनग्रासी र ६ष। नाम--(१०६७) वैवात सरवरिया । ग्रन्य-यानन्दराम साल की पार्ता । कविता-फालः–१८५४ ।। भीम-(१०६८) संदीदान चारण । कविता-का-१८५५ प गभग। चिचरण-- मेढ़ के पिता ।। भाम-(१०६६) दयालदास महंत । प्रन्थ-(१) करुणसागर, (२) साधुदमलजी को ज्ञानः । । वनिताकलि-१८५५ । मि–११ ००) विक्रमादित्य महाराजा भरथरी ।। श–५५) विमसतसई, २) विक्रमधिंगावली, (१) इ भक्ति-विलास । कचिता-काठ्ज काल १८५५ से १८८५॥ विदर--नाप चे की धगी । ६ महाराज श्वई गु । ग़ायां के आध्याता थे ! माम११९ १इच्छू ! जन्मकाछ—१८३८ ।। कविता-काल-१८५५॥