पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/४७७

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८५७ मिन्धुदिनाद। [५ } कविताले–१८४५ । माम–११ ०६२) भूपनारायणसिंङ्घ क्षत्रिय । प्रध–११) वर्णमाला (पृ० ३८ पद्य), (२) मरिसाल ( पृ० २०६ देवबंदना ), (३) वैदरामायण (पृ. ३६) (बद्दरिद्धे श का अनुवाद } ! कविता-काल-प्र० सं० १८४५। विचर-साधारण शेंगी । नाम-(१०६ ३) गंगाराम त्रिपाठीं। अन्य-शनिप्रदीप । काँचता-काल--१८४६। नाम-१०६६) शिवनन्द । ग्रन्थ अनुप-सगुय-निरूपय-कयो । कविता-काल-१८४६ । नाम-(१८६५) शैरसिंह । अन्य रामयश । कविता-का–१८४६ 1 नाम (१०६ ६) मनहूँ। नन्थ इनटवा ! कविताकाङ–१८४७ के पूर्व । नाम (१ ० ६७) महाजन काय, च । अन्य दस्तूरमालिका ।