पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/३४२

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

आस-काल ] उत्तराफ़त्र प्रकरण । ०६५ नाम--(७७E) पुडरीक धुंदेलखेडी । जमफाल१७६९। रचनाकाल-१८०० । विवरण साधारण । नाम-(७८०) धन्लभ रसिक गदाधर भई सम्प्रदाय के । अन्य–{१} फुटपद, (२) बानी । रचनाका-१८es। विषय-वानी छत्रपूर मैं देखी। नाम-(७८१) अज्ञान बुदली । जन्माल-१७६५ । रचनाफल-१८०० | विवर--सारण हो । नाम--(७८२) फतेहसि६ कापस, पन्ना । अन्य—(१) दस्तूरमालिका, (२) मोहरम ज्योतिष), (३) माता- चन्द, (४) वृक्षचेतावनी, (५) फ़रनामा । रचनाकाल-१८०० के लगग ।। पिचर-कायदा दिसाव कितावरचा । हीन । काँच ज़िला जालन के निवासी थे। पद्मानरेश समासि। इनके माध्यदाता थे। नाम-(७३) भीकचन्छ मधेन जती। प्रम्य–ऑटकर फाय। रचनाकाल-१८०६ ।