पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/२५३

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मिक्षबन्धुवाद [ सं १५५५ प्रन्प- मिगार | अन्मसळ-१५० कविता वाल-१७ विवरण—राजा युद्ध य प य थे। नाम--(६८७) दयराम प्रायः विदमी यालै, लछिराम पुत्र । अन्य दयायलास पृ० २२० पद्य । कविता फल१७६९। विवर–वैद्य । पक दयाराम वैवारी १० १४१५ में भी हैं। सम्भव है कि ये दाने महाशय पक ही है । नाम-१६८१) येनीराम । अन्ध-जैनस । कविता काल--११ । नाम-(६८२) रम् । कविता-कार-१७८० के पूर्व ।। विमानकी कविता के उदाहरण में सरेजि मैं कवि अनीस | को छन्द लिफा ६ । पै रहीम स्नानाना से पृयक है । नाम-(६८३) गुणदेव धुंदेल्यण्डौ । जन्म झाल्-१७५२।। कवित-िफाए-25] वियर साधारण भेट । नाम-(६८४) जुगुल ।