पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१४३

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पुवाखंडूत इरुर । १६३ नाम-(५०८) मोइन । ग्रन्थ रामाश्वमेव । जन्मर्सवत्---१७१५ ॥ रचनाकलिं–१४] विवर-ताप के कयि । ये सवाई राजा सिंह जयपुर महा- | राज़ के यहाँ भी गये थे। नाम (५०६) रधुनाध प्राधीम् । जन्म संवत् १७६० । नाकाल-६७१० । विचरण धारण भेगी। । नाम (५१०) रुपनारायण ! जन्म-सँव-१७१३ । रचना-काल--१७४३] चिंवर–साधारण णे । नाम (५१३) छाने। जेमसंघस्-१७१४ 1 रचनाकछि--- ६० ! विवरण-हीन थे । नाम--(५१२) श्रीधर । अन्य कविचिनेद् ! रचना-काक्ष–१७4 !