पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१३२

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११० मिध्वन्धुदिमाद । [सं० १७२ भन्थ-श्रीधन्ना चापाई । कविताकाल-६७२५। नाम-(४५०) चन्द्रसेन । प्रन्थ-माधवनिदान। कार्यिताका–१७२६ को पूर्व । नाम-(४५१) पन्ध्यान । कविताकाल-१७२६।। विवरण–इनकी रचना इजारी में है। साधारण शेण । नाम-(०५२) जन अनाथ वदीजन। अन्थ—(१) सर्वसार, (२) उपदेश, पृष्ठ ११२, (३) विचार माला । करिनाका–१७२६।। विपण—वैदान्त ।। नाम (४५३) बालकृष्ण नायक । अन्य (१३ म्यानमज़,(२) ग्वालपटेली, (३) मैंमपरीक्षा, (४) परतीतपरीक्षा। कविताकाळ-१७२६। विवरण-चरणदास फे शिष्य ! भाम-(४५४) मोनोज्ञी । ग्रन्थ-विचारमा सक । कविताकाल—२६ ।।