पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१३१

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भूप-काज़ ] | पूवकृत प्रकरण ! इस काल के अन्य कवि गया । नाम-(४ ४ ४) ट्रेलू। अन्य-सागर। कविता-काल-१७२१1। भाम(४४५) पर सोनार ओड़छा। अन्ध--(१)दातारकथा ( १६२१), (२) रामरहस्यकलेया। कविता-काल-१२१ ।। चिंचरण–साधारण ४ यी । राम-(४४६) घलिन् । अन्म-का –१६१४ । इघितीका–१२५ । चियर—इस नाम के कथि सरोकार ने देवा लिने हैं, परन्तु | जान पड़ता है कि ये दोनों पक थे । । नाम-४ ४७) दुधराम। कविताकाष्ठ-६७२२। नियम–जार में इनकी रचना ६ । साभार थे । नाम (६४८) मॅली फायस्थ भेड़ा निवासी। भन्थमज्ञनघाया । कविताफल-१७२३ । पिच हाक मा के पुत्र । साधारण १ । 'राम-(४४६) जिन चन्द सूरि।