पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद १.pdf/४१३

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प्रौद् माध्यमिकक्कर दास–३६५} दयालदास । ग्रंथ--(१) राणा रास, [ खोज १४०० ], ( २ ) अझल को अंग, (३) रासो के अंगर । ऋवितकल-~-१६७७ विवरण--मैचोड़ राजपूतानः के कर्चि हैं । नाम--{ २६६) बुटा इनाम वृखरा । । अंथ-- स्फुट छन् । कविताकाल---१६७७ ।। विवर-यह कवि जहाँगर शाह या कृपापात्र था । नाम-- २६७ } रवस बुदेलखंडौ । कविताका-१६७६। । विवरण-साधारण श्रेणी । अढापसाह के पिता । नाम- २६८ } काशीराम । मंथनमंजरी खोज ११०३। । कविताकाद्ध---१६८० र १८३४ ३ ३ ! विवर---प्राजकुमार तुमीचंद के यहाँ थे । माम– ३६६ } अन् । । । | कविताल्लु----१६८० ।। विवर--साधारह श्रेझी ।। नाम-- ३७० } तुलसीदास । ग्रंथ-शाह सर्वांग (१६८० के पूर्व), बृहस्पति कोड १ १६८० ॐ .... पूर्व }; दु खी : १६८० के पूर्व } { हौद्ध ३३०३ । . प्रथम त्रैवाझि लोङ ॐ इॐ भाद्र्गा भाषा और ज्ञान दीपिका ११७४६ ग्रंथ मिले हैं। वेताळा--१६८० अगम्छा ! • --