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मिश्रबंधु-विनोंद

३४३ मिश्रबंधु-विनोद ना ---- १५७ } पद्मनाभ छ । ' अदितीछा-१६३२। विवर---सुधार श्रेणी । कृष्णदास अबुढाले के शिष्य थे। म- ११६) जीवन ! कविताका--१६३३३ विक्रछ--निम्न श्रेही । . ---१६१० } । किताकाल-६६३५ । विवरस–बुरहानुपरवाले रत्नासिंह के छह । आम-{ १६०) य उपनाम वाद्ध ३. . कविता -६३१ जगभग।..... ... - विदर–इनका नाम ध्रुवदास की भक-नामावली एरै भक्काछ नाम--{१६} मुनियाल । .... । ग्रंथ-मप्रकाश । । १। । | समय--१९३७ । विवरण–साधारण श्रे छी । इनका समय वळे अशाप्त होने से बंबर १६३६ था (प्र० ० रि०) : ... . नाम- १६१ ) चंदसली ब्रजवासी ! : :.:. .. कविता -- ६३८ . : :.:.::. दिवर---इनके पद सिद्धच में हैं। इधावल्लभव होछ । .:. के अनुयायी थे । दारुण श्रेणी ।।:: :: | : अँथ- कुंड की शैलाई । .

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